Surekha Sikri Young: 42 साल तक सुरेखा सीकरी को चुभता रहा एक गम, समय ने ऐसे बदला सबकुछ

टीवी और फिल्‍मों की मशूहर ऐक्‍ट्रेस सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri Demise) अब हमारे बीच नहीं रहीं। शुक्रवार, 16 जुलाई 2021 को 75 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। सुरेखा सीकरी लंबे वक्‍त से बीमार चल रही थीं। 2018 के बाद सितंबर 2020 में उन्‍हें ब्रेन स्‍ट्रोक हुआ था, जिसके बाद से ही वह बिस्‍तर पर थीं। शरीर के बाएं हिस्‍से में पैरालिसिस के कारण वह खुद से चल-फिर भी नहीं पा रही थीं। सुरेखा सीकरी ने अपने करियर में वैसे तो 'तमस' से लेकर 'बधाई हो' तक 30 फिल्‍मों में काम किया, लेकिन उन्‍हें सबसे ज्‍यादा पॉप्‍युलैरिटी मिली टीवी सीर‍ियल 'बालिका वधू' (Balika Vadhu) से। 'दादी सा' के किरदार में वह घर-घर में पहचानी गईं। तब उनकी उम्र 63 साल थी। लेकिन क्‍या आपने सुरेखा सीकरी के शुरुआती करियर की तस्‍वीरें देखी हैं। मतलब तब, जब वह उम्रदराज दादी नहीं बल्‍क‍ि एक सादगी पसंद खूबसूरत न्‍यूकमर ऐक्‍ट्रेस (Surekha Sikri Young) हुआ करती थीं।

सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri Demise) अब हमारे बीच नहीं रहीं। शुक्रवार, 16 जुलाई 2021 को 75 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उन्‍होंने 30 फिल्‍मों में काम किया, लेकिन पॉप्‍युलैरिटी मिली टीवी सीर‍ियल 'बालिका वधू' से। तब उनकी उम्र 63 साल थी। लेकिन क्‍या आपने सुरेखा सीकरी के शुरुआती करियर की तस्‍वीरें देखी हैं। मतलब तब, जब वह सादगी पसंद खूबसूरत न्‍यूकमर ऐक्‍ट्रेस (Surekha Sikri Young) हुआ करती थीं।


Surekha Sikri Young: 42 साल तक सुरेखा सीकरी को चुभता रहा एक गम, समय ने ऐसे बदला सबकुछ

टीवी और फिल्‍मों की मशूहर ऐक्‍ट्रेस सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri Demise) अब हमारे बीच नहीं रहीं। शुक्रवार, 16 जुलाई 2021 को 75 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। सुरेखा सीकरी लंबे वक्‍त से बीमार चल रही थीं। 2018 के बाद सितंबर 2020 में उन्‍हें ब्रेन स्‍ट्रोक हुआ था, जिसके बाद से ही वह बिस्‍तर पर थीं। शरीर के बाएं हिस्‍से में पैरालिसिस के कारण वह खुद से चल-फिर भी नहीं पा रही थीं। सुरेखा सीकरी ने अपने करियर में वैसे तो 'तमस' से लेकर 'बधाई हो' तक 30 फिल्‍मों में काम किया, लेकिन उन्‍हें सबसे ज्‍यादा पॉप्‍युलैरिटी मिली टीवी सीर‍ियल 'बालिका वधू' (Balika Vadhu) से। 'दादी सा' के किरदार में वह घर-घर में पहचानी गईं। तब उनकी उम्र 63 साल थी। लेकिन क्‍या आपने सुरेखा सीकरी के शुरुआती करियर की तस्‍वीरें देखी हैं। मतलब तब, जब वह उम्रदराज दादी नहीं बल्‍क‍ि एक सादगी पसंद खूबसूरत न्‍यूकमर ऐक्‍ट्रेस (Surekha Sikri Young) हुआ करती थीं।



वायुसेना में थे पिता, मां थीं टीचर
वायुसेना में थे पिता, मां थीं टीचर

सुरेखा सीकरी का जन्‍म 19 अप्रैल 1945 में गुलाम भारत में हुआ था। उत्तर प्रदेश से ताल्‍लुक रखने वालीं सुरेखा का बचपन नैनीताल और अल्‍मोड़ा में बीता। पिता वायुसेना में थे और मां एक टीचर थीं। इसलिए घर पर बचपन से ही उन्‍हें एक अनुशासाति जीवनशैली मिली।



26 साल उम्र में NSD में दाख‍िला
26 साल उम्र में NSD में दाख‍िला

सुरेखा सीकरी ने अलीगढ़ मुस्‍ल‍िम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद 1971 में नैशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा में दाख‍िला लिया। तब उनकी उम्र महज 26 साल थी। एनएसडी से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कुछ दिनों तक कैम्‍पस में ही पूर्व छात्रों के थ‍िएटर कंपनी के साथ काम करने लगीं। बाद में ऐक्‍ट्रेस के तौर पर खुद को सिनेमाई पर्दे पर देखने का सपना लेकर मुंबई आ गईं।



1978 में बॉलिवुड डेब्‍यू
1978 में बॉलिवुड डेब्‍यू

सुरेखा सीकरी ने बड़े पर्दे पर 1978 में डेब्‍यू किया। उनकी पहली फिल्‍म थी 'किस्‍सा कुर्सी का', जिसमें उनके किरदार का नाम 'मीरा' था। शबाना आजमी, राज किरण और उत्‍पल दत्त की यह फिल्‍म एक पॉलिटिकल सटायर थी। फिल्‍म में सुरेखा ने डेब्‍यू तो किया, लेकिन उन्‍हें बहुत ज्‍यादा नोटिस नहीं किया गया।



'तमस' ने दी पर्दे पर पहचान
'तमस' ने दी पर्दे पर पहचान

सिनेमा की दुनिया में उनका स्‍ट्रगल अभी शुरू ही हुआ था। 1986 में सुरेखा को करियर की बड़ी सफलता 'तमस' फिल्‍म से मिली। गोविंद निहलानी की इस फिल्‍म में उन्‍होंने राजो का किरदार निभाया था।



...और फिर मुड़कर नहीं देखा पीछे
...और फिर मुड़कर नहीं देखा पीछे

सुरेखा सीकरी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्‍ट्रगल जरूर रहा, लेकिन साल दर साल उनकी एक के बाद एक फिल्‍में रिलीज होने लगीं। 'नसीम', 'सरफरोश', 'जुबैदा', 'रेनकोट', 'हमको दीवाना कर गए', 'बधाई हो' और आख‍िरी फिल्‍म 'घोस्‍ट स्‍टोरीज' तक सुरेखा सीकरी ने हर तरह के छोटे बड़े रोल किए।



फिल्‍म से ज्‍यादा टीवी ने दी पहचान
फिल्‍म से ज्‍यादा टीवी ने दी पहचान

सुरेखा सीकरी का फिल्‍मी करियर चल तो जरूर रहा था, लेकिन उन्‍हें कभी वह मुकाम नहीं मिल पाया, जिसकी उन्‍हें चाह थी। हालांकि, उन्‍होंने तीन बार नैशनल अवॉर्ड जीता। 1989 में ही संगीत नाटक अकादमी पुरस्‍कार भी मिला। यही कारण है कि उन्‍होंने फिल्‍मों को छोड़ टीवी का रुख किया।



टीवी और फिल्‍मों में बढ़ता गया कारवां
टीवी और फिल्‍मों में बढ़ता गया कारवां

सुरेखा सीकरी ने टीवी पर 1990 में ही 'सांझ चुला' से डेब्‍यू किया था। लेकिन 2008 में शुरू हुए 'बालिका वधू' सीरियल ने उन्‍हें खूब पॉप्‍युलैरिटी दी। कड़क मिजाज 'दादी सा' के किरदार में उन्‍होंने खूब पहचान बटोरी। हालांकि, उन्‍होंने साथ में फिल्‍मी सफर भी जारी रखा।



नाम भी मिला और सम्‍मान भी
नाम भी मिला और सम्‍मान भी

टीवी पर सुरेखा सीकरी 'एक था राजा एक थी रानी', 'परदेस में है मेरा दिल' और 'केसर' जैसे कई हिट शोज में नजर आईं। साल 2007 में वह 'सीआईडी' सीरियल के एक एपिसोड में भी नजर आई थीं। नाम भी म‍िला और सम्‍मान भी।



कभी लीड ऐक्‍ट्रेस नहीं बन पाने का दर्द
कभी लीड ऐक्‍ट्रेस नहीं बन पाने का दर्द

सुरेखा सीकरी करीब 42 साल तक टीवी और फिल्‍मों की दुनिया में ऐक्‍ट‍िव रहीं। हालांकि, उनके जीवन का एक दर्द यह जरूर रहा कि वह कभी लीड ऐक्‍ट्रेस के तौर पर पहचान नहीं बना पाईं। जीवन के आख‍िरी महीनों में वह आर्थ‍िक तंगी का भी श‍िकार रहीं। इलाज के लिए खर्च बढ़ रहा था और लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप था। ऐसे में उन्‍होंने बॉलिवुड से मदद की अपील भी की थी। सुरेखा सीकरी अब वह हमारे बीच भले नहीं हैं, लेकिन उनकी बेहतरीन अदाकारी हमारे साथ रहेंगी... हमेशा।





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